गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop

गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop

गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop : श्री गणेश को हस्तिमुख मिला. भगवान् श्री गणेश के अनेको नाम हैं जैसे गजानन, विघ्नेश्वर, गौरीपुत्र. हिन्दू धर्म में श्री गणेश अधिपति हैं और उन्हें अग्र पूजा का मान हैं. एक दिन स्नान के लिए जाने से पहले पार्वती ने नंदी को बुलाया और कहा “मैं स्नान करने जा रही हूँ ध्यान रहे कोई भी अंदर नहीं आने पाए.” “जैसे आपकी आज्ञा माते” नंदी ने कहा.
जब पार्वती स्नान में मग्न थी भगवान् शिव वहां आए लेकिन शिव को वहां देखकर पार्वती को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सोचा मैं एक ख़ास भक्त का निर्माण करती हूँ जो सिर्फ मेरी ही आज्ञा का पालन करेगा. दुसरे ही दिन पार्वती ने अपने शरीर से चन्दन का लेप निकाल कर उससे एक सुंदर लड़का बनाया ओर उसे जीवन प्रदान किया. मुझे आशीर्वाद दीजिये माते मैं आपकी हर आज्ञा का पालन कर सकूँ. पार्वती ने कहा ” मैं प्रसन्न हो गयी, मैं स्नान करने जा रही हूँ, दरवाज़े पर पहरा दो, मेरी आज्ञा के बिना किसी को भी अन्दर मत आने देना. जैसे आपकी आज्ञा माते! गणेश ने कहा.

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गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop

गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop : पार्वती जब स्नान में मग्न थी तभी भगवान् शिव वहां आए द्वार पर एक लड़के को देख कर वो आश्चर्य चकित हो गए वो अंदर जाने लगे ओर उन दोनों में ये वार्ता होने लगी :

गणेश : “क्षमा कीजिये, परन्तु आप अन्दर नहीं जा सकते”
शिव : क्या, क्या तुम जानते नहीं मैं कौन हूँ, मैं कैलाश का अधिपति हूँ, पार्वती का पति हूँ मैं, तुम कौन होते हो मुझे रोकने वाले”
गणेश : “मैं माता पार्वती का पुत्र हूँ, माता की आज्ञा के बिना मैं तुम्हे अन्दर नहीं जाने दे सकता”

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गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop

यह सुनकर क्रोधित हो कर शिव वहां से चले गए.

शिव : नंदी पार्वती के महल के बाहर एक छोटे से लड़के ने मेरा अपमान किया हैं, जाओ उसे पकड़ कर ले आओ”

गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop : नंदी ने बहुत कोशिश की परन्तु उसे खाली हाथ लौटना पड़ा. ये देखकर शिव और भी क्रोधित हो गए, जाओ अपने ख़ास सैनिको को लेकर उसके साथ युद्ध करो, परन्तु नंदी और उसके सैनिको को उस छोटे से बालक ने सहज पराजित किया और सहजता से खड़े रह कर उन पर हंसने लगा. यह युद्ध देख रहे सारे देवगण भगवान् शिव के पास गए. ओर ब्रह्म देव ने कहा “मैं जा कर इस बालक को समझाता हूँ” परन्तु उस बालक ने ब्रह्मा देव की भी बात नही मानी. ब्रह्म देव भी क्रोधित हो गए. तुम्हे इसकी सजा जरुर मिलेगी. ब्रह्म देव ने उस बालक पर आक्रमण किया परन्तु उस बालक ने उन्हें भी पराजित किया. जब भगवान् शिव को ये समाचार मिला तो उन्होंने कहा.

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गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop

गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop : शिव : “अब तो हद ही हो गयी हैं, कार्तिक अपनी सारी सेना लेकर जाओ और उस बालक को मार डालो.”
बहुत घोर युद्ध हुआ परन्तु उस छोटे से बालक ने सम्पूर्ण सेना को पराजित किया. पार्वती माता को जब ये समाचार मिला तो उन्होंने काली ओर दुर्गा की शक्ति खडी की और कहा :

“तुम दोनों मेरे पुत्र की रक्षा करो”
अब काली ओर दुर्गा सेना के सामने खडी हुई और उन्हें पराजित करने लगी. किसी भी सेना के बस में नहीं था की उन्हें रोक सके. जब शिव ने ये सब देखा तो उन्होंने सोचा “अब समय आ चूका हैं, मुझे कुछ करना होगा”
वो बालक युद्ध में मग्न था तभी पीछे से जाकर भगवान् शिव ने उस बालक का सर धड से अलग कर दिया. अपने पुत्र का मृत शरीर देखकर पार्वती बहुत क्रोधित हो गयी. उसने काली ओर दुर्गा को आज्ञा दी “मेरे पुत्र को मारने वालो पर कोई दया मत करना. दोनों ने हाहाकार मचाया ये देख कर ब्रह्मा ओर विष्णु पार्वती के पास गए

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गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop

गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop : “माते! क्षमा कीजिये, दया कीजिये माते, अपनी शक्तियों को वापस बुलाइए”
मैं तभी उन्हें वापस लुंगी, जब भगवान् शिव मेरे पुत्र को जीवित कर के सम्मान के साथ उसे अपने पुत्र का स्थान देंगे.

ब्रह्मा ओर विष्णु ने शिव को पार्वती का सन्देश दिया पश्चाताप करते शिव ने उसे मान लिया.

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गणेश का नया रूप | Ganesh Ka Nyaa Roop : देवगणों मुझे एक ऐसे सजीव का मस्तक लाकर दो, जो उत्तर दिशा में सर रख कर सो रहा हो, सभी ऐसा मस्तक ढूंढने गए. उन्होंने देखा एक हाथी उत्तर दिशा में सर रख के सोया हुआ था, देवगणों ने उसका सर काट कर भगवान् शिव के सामने रख दिया. अपने पुत्र को पुनर्जीवित देख कर पार्वती ने उसे प्रेम स्नेह दिया.
गणेश के पुनर्जीवित होने पर शिव ने कहा :

“आप दोनों मुझे क्षमा कर दे. आज से कार्तिक की तरह ही ये भी मेरा पुत्र हैं, लोग अब सबसे पहले इसकी पूजा करेंगे. गजानन सभी तुम्हे विघ्नेश्वर के नाम से पहचानेगे साथ ही तुम सभी देवगणों के अधिपति माने जाओगे. पुत्र चिरंजीवी भव:!

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