Yoga for Weight Loss in Hindi | योग आसान वजन कम करने के लिये। 

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi

 

Yoga for Weight Loss in Hindi :  आजकल के समय में स्वास्थय सम्बन्धी समस्या होना आम बात बनकर रह गया हैं जिसमे की मोटापे ने अपनी अच्छी बना ली हैं. हर बीस में से एक व्यक्ति मोटापेपन का शिकार हैं. वैसे तो मोटापे के कई सारे कारण हो सकते हैं लेकिन उन कारणों को जानने का केवल एक ही तरीका हैं और वो हैं इसकी तह में जाना. आखिर इसकी शुरुवात हुई कहा से, क्यों लोग इतनी तेज़ी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. अगर हम अपनी व्यस्त जिंदगी में से कुछ पल निकाल कर पीछे देखे तो हम पाएंगे की पहले के समय में लोगो को इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था. ऋषि मुनियों द्वारा लोगो में उन में और उनके द्वारा सिखाए गए योग में विश्वास होना प्रचलित था. लोग योग करते थे और स्वस्थ रहते थे. समय – समय में जैसे जैसे जिस प्रकार लोग बदलते हैं वैसे वैसे उनमे और उनकी संस्कृति में भी बदलाव आता हैं और इसी कारणवश आज के समय में लोग योग करना तो क्या, योग वास्तव में होता क्या हैं इस बात से भी अछूते हैं. परन्तु आज की नयी नयी तकनीको का इस्तेमाल करके ही तथा कई सारी खोजबीन करने के बाद हम आपके लिए योग करने का तरीका और अपनी फालतू चर्बी से छुटकारा पाने का इलाज़ लेकर आये हैं जिसमे की 19 अत्यंत लाभकारी आसन सम्मलित हैं एवं इनके बारे में बारीक़ से बारीक जानकारियाँ आपको यहाँ मिलेंगी. आशा करते हैं की वजन घटाने में ये कुछ योग टिप्स आपके लिए मददगार साबित होंगे. यदि आप कुछ अपने विचार हमारे साथ और अन्य पाठको के साथ बाँटना चाहते हैं तो आपका बहुत बहुत स्वागत हैं. कृपया कमेंट सेक्शन में जा कर अपने विचार प्रकट कीजिये, इसके अलावा आपके पास कोई अन्य जानकारी हैं तो वो भी हमारे साथ शेयर करना ना भूले.

योग के बारे में बताने से पहले मैं आपको इसकी सच्चाई से अवगत करा दूँ. इसका मुख्य काम हैं इस बिखरे हुए मन को एकाग्र एवं एकबद्ध करना. ये तन मन और आत्मा पर काम करता हैं या आप कह सकते हैं की जीने का एक नया तरीका हैं, जीने का एक बेहतर तरीका, जीने का एक संपूर्ण तरीका. योग का अभ्यास करने से निसंदेह आपको आश्चर्यजनक प्रणाम मिलेंगे. योग ‘युग’ नामक संस्कृत शब्द से निकाला गया एक शब्द हैं जिसका अर्थ हैं बांधना, जोड़ना, कुर्क करना और वशीभूत होना. इसका अर्थ भगवान् या सृष्टि के रचियता के साथ मिलाप करना या खुद में एक हो जाना भी हैं. आधुनिक योग में से ज्यादा तो सन 200 ईसा पूर्व ऋषि पतंजलि के द्वारा लिखे गए योग सूत्रों पर आधारित हैं योग के अभ्यास को व्यवस्थित करने वाले ऋषि पतंजलि ही पहले थे. पतंजलि में योग का सबसे सीधा और प्रचलित ढंग हैं

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अष्टांग योग :
योग की इसी वंश शाखा का हम अनुसरण करेंगे. ये पूरी तरह से स्वयं के भीतरी हिस्सों पर आधारित हैं इसमें वजन उठाना नहीं पड़ता, कोई ख़ास खान पान में संयम नहीं और धार्मिक रहस्य तो बिलकुल नहीं हैं योग की कई और शाखाएँ हैं जैसे कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग, मंत्रयोग और हठयोग के उच्च स्तर जिनमे से कुछ योग के अभ्यास और ढंग को एक दुसरे में समाकर स्वीकारते हैं क्युकी इन शाखाओ के लिए चाहिए जीवन भर का समर्पण और अभ्यास और बुनियादी मूल में योग के पूर्ण ज्ञान का अनुसरण करना इनके लिए अनिवार्य हैं. अष्टांग योग का नाम पड़ा दो संस्कृत शब्दों से अष्ट मतलब आठ और और अंग मतलब हाथ-पैर इसलिए अष्टांग योग का शाब्दिक मतलब हैं योग की तरफ आठ हाथ पैरो वाला मार्ग या रास्ता. पतंजलि ने योग के लिए आठ महत्वपूर्ण सिद्धांत बताये हैं जो नीचे कुछ निम्न प्रकार से दिए गए हैं:
1. यम – पतंजलि ने इन पांचो से परहेज़ रखने को कहा:
क. हिंसा
ख. झूठ बोलना
ग. चोरी
घ. अवैध संभोग
ड. लालच

2. नियम – उसी प्रकार पतंजलि ने इन पांचो का पालन करने को कहा:
क. पवित्रता
ख. संतोष
ग. तप
घ. अभ्यास
ड. भगवान् को आत्म समर्पण

3. आसन – शाब्दिक अर्थ हैं बैठक. सारी मुद्राए भी इसी में आती हैं

4. प्राणायाम – इसे हम अस्पष्ट रूप से अनुवाद कर सकते हैं जीवन शक्ति पर नियंत्रण, प्राण जीवन शक्ति तथा चेतना पर काबू पाने का कर्म, इसमें मुख्यता साँस लेने की विधि शामिल हैं.

5. प्रत्याहार्य – यानी परहेज़ करना जिसमे खुद को दुनिया के कवच से परे एवं खुद पर नियंत्रण रख सके

6. धारणा – मतलब मन की एकाग्रता. प्रत्याहार्य प्राप्त करने के बाद अपना ध्यान एक एकलौते उदेश्य पर सिद्ध करना.

7. ध्यान – वास्तविकता की प्रकृति का तीव्र ध्यान

8. समाधि – सिद्धि की सचेत दशा

योग विशाल हैं इसको केवल कुछ शब्दों में समझा पाना मुश्किल हैं. पर अगर आप योग को अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बनाए तो ये आप में संतुष्टि का ऐसा एहसास जगाएगा जो बहुत कम लोग जानते हैं. हम केवल आपको रास्ता दिखा सकते हैं योग के रास्ते पर चलना आपको खुद पड़ेगा.
जैसा की हमने आपको पहले बताया था इसमें आपको किसी भी प्रकार के वजन उठाने की जरुरत नहीं पड़ती केवल अपने शरीर के वजन की ही आप सहायता लेते हैं . और ये विज्ञान इतना पुराना और सटीक हैं की इसमें लिप्त सभी जोखिमो को इसने दूर कर दिया हैं मतलब ये बिलकुल सुरक्षित हैं. आसन इतने बढ़िया ढंग से रचे गए हैं की आपको महसूस होगा की आप सुरक्षित हाथो में हैं. योग से माँसपेशियो को मजबूती मिलती हैं और साथ ही शरीर का खिंचाव भी होता हैं. आपको लचीलापन मिलता हैं और ये जिंदगी को इतने पूर्णता से देखती हैं की जैसे और कोई पद्दति नहीं देखती. पर इससे पहली बात योग करते समय कुछ चीजों को ध्यान में रखना बहुत जरुरी हैं योग सुबह खाली पेट किया जाना चाहिए अगर आप सुबह वक़्त नहीं निकाल पाते लेकिन अगर आप के पास दोपहर को समय हैं तो खाना खाने के 2 घंटे बाद आप योग कर सकते हैं.
सुबह आप उठकर पानी, चाय या कॉफ़ी पीने के 15 या 10 मिनट बाद भी आप योग कर सकते हैं. योग के कोई सेट टाइम नहीं होते ये कभी भी खली पेट किया जा सकता हैं योग करते समय आरामदायक कपडे पहने और ध्यान रखे की कोई भी आसन करते समय आप असहज महसूस ना करे. किसी भी प्रकार का दर्द या असुविधा हो तो आसन से बाहर निकले पर झटके से नहीं आराम से. आपको शुरू शुरू में थोडा दर्द तो जरुर होगा लेकिन वो कुछ ही समय में योग के निरंतर प्रयास के बाद चला जाएगा जैसे कहा जाता हैं की बिना कष्ट के कृष्णा नहीं मिलते तो नाक से सामान्य तरीके से सांस लेते रहे अगर मना ना किया गया हो, तो आप किस का इंतज़ार कर रहे हैं चलिए शुरू करते हैं.

सही मनोस्थिति के साथ ही आसन की शुरुवात की जानी चाहिए. स्वास सही ढंग से ले. इसका सबसे सही और आसान उपाय हैं ॐ के उच्चार से. जमीन पर आरामदायक स्थिति में पलोती मार कर बैठे, नेत्र बंद करे, सामान्य स्वास लेते हुए पेट तक स्वास को धकेलिए. ध्यान रखिये छाती बिलकुल नहीं हिलनी चाहिए अब गहरी सांस भरे और ॐ के उच्चार के साथ सांस छोडिये. पहले 3 सेकंड तक मुहँ खोल कर ॐ का उच्चार होना चाहिए फिर मुह बंद करके क उच्चार तब तक जारी रखिये जब तक आपकी स्वास आपको करने दे. आपके कपाल में आपको गहरी कम्पन महसूस होगी. इसे तीन बार दोहराए.
आँखें बंद रखे और याद रहे ॐ के हर उच्चार के पहले गहरी साँसों के बीच सांस की गति सामान्य रखे. ॐ के उच्चार से मन शांत होता हैं और भीतर की ओर केन्द्रित होता हैं. ध्यान रहे शुरू में किसी भी आसन को एक बार से अधिक ना करे अभ्यास के बाद आप कोई भी आसन दो या तीन बार दोहरा सकते हैं:-

Different Yoga Aasans (योग आसान) for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :

1. शवासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पीठ के बल लेटिये, पैर जुड़े हुए, पैरो की उंगलिया बाहर की ओर, हाथ जंघाओं के पास और आँखें बंद करे, गहरी सांस भरे, दोनों पैरो के बीच का फासला बढाएं, पैरो की उंगलिया अब भी बाहर की ओर, एड़िया जमीन पर टिकी हुई, हाथो को जमीन पर ऐसे रखे की वो शरीर के किसी भी हिस्से को ना छुए, हथेलिया छत की तरफ, सांस छोड़ते समय शरीर से सारा तनाव रिहा करने की कोशिश करे. अपने शरीर को मन की आँखों से देखते हुए उसके हर हिस्से को विश्राम कराए, सांस पर ध्यान दे. स्वांस की गति सहज और सहज होती चली जाए. आप इस आसन का अभ्यास किसी भी वक़्त कर सकते हैं और खासकर ये पूरी तरह से कायाकल्प करता हैं. पीठ की बल किये गए सारे आसनों में से शवासन ही शिथिलता प्रदान करने वाला आसन हैं. यानी तन और मन योग अभ्यास के लिए तैयार हैं.

2. अर्ध हलासन (एक पैर से)

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  शवासन की स्थिति से दोनों पैर मिलाए. हाथ शरीर के पास, अधेडीयाँ जमीन पर टिकी हुई फिर दाएँ पैर को घटने से बिना मोड़े उठाए, पैर और पंजे बाहर की तरफ ताने शरीर से 90 डिग्री तक पैर को उठाए और जब तक बिना असुविधा के इस स्थिति में रह सके रहे. याद रहे स्वास सामान्य गति में चलती रहे. धीरे से पैर को जमीन पर लाते हुए आसन से बाहर निकले. अब दुसरे पैर के साथ दोहराए. ये अर्ध हलासन हैं. इसे ये नाम दिया गया क्युकी अंतिम स्थिति में शरीर हल सामान नज़र आता हैं. ये पैर, पेट और कमर के लिए लाभदायक है. ये जंघाओं और पिंडलियों को प्रबल बनता हैं. जंघाओं के पिछले भाग में खिंचाव लाता हैं एवं घुटनों में रक्त प्रवाह बढ़ता हैं. आप विश्राम करे, स्वास ले और 10 सेकंड तक शवासन करे

3. उत्तान पादासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  शवासन की स्थिति से दोनों पैर मिलाए, हाथ शरीर के पास, हथेलियाँ मृदंगो के निचे ले जाए, दोनों पैरो को उठाए और घुटने मोड़े बिना ही जमीन से 30 डिग्री ऊपर पहुँचने पर वही रुक जाए और 5 स्वास भरने तक इसी स्थिति में बने रहे उसी तरह 60 डिग्री पर रुकिए और अंत में जमीन के 90 डिग्री पर. हर बार 5 सांस भरने पर इसी स्थिति में बने रहे. धीरे – धीरे पैरो को नीचे लाये 60 डिग्री और 30 डिग्री पर रुकते हुए स्वास सामान्य गति से ले पेट के पुरे हिस्से के लिए उत्तान पादासन बहुत फायेदेमंद हैं. ये पुरे सीने और पूरी पीठ को तापता हैं

4. अर्ध पवनमुक्तासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  शवासन की स्थिति से पैरो को मिलाएँ और हथेलियों को शरीर के पास रखे. दाएँ पैर को घुटने से मोड़िये. जितना हो सके जंघा को पीठ के पास लायें, दोनों हाथो से दाएँ पैर को लपेट लीजिये घुटने के नीचे उंगलियों को एक दुसरे में डालते हुए जमीन पर ही सीधा टिके रहे. पैर आरामदायक स्थिति में रहे, जंघा को पीठ की तरफ दबाएँ. धीमी गति से विपरीत क्रम में आसन से बाहर निकले अब दुसरे पैर के साथ दोहराए. बदहजमी में ये आसन बहुत हितकारी हैं ये पेट, मृदंग और जंघाओं को तारता हैं शरीर के निचले हिस्से को सुडौल और लचीला बनाता हैं. कमर दर्द में लाभप्रद हैं और पेट के निचले हिस्से के लिए अत्याधिक लाभकारी हैं. आपने ध्यान दिया होगा की ये आसन जोडियो में होते हैं. अधिकतर आसन परिपूरक हैं.

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5. सेतु बंधासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पैरो को जोडिये और हाथो को शरीर के पास रखिये घुटनों को जोड़ कर पैरो को जितना हो सके पैरो के पास लाये, तलवे जमीन की तरफ हो और घुटने छत की तरफ, पैरो के टखनो को हाथो से पकडिये, पैरो को जमीन पर रखते हुवे. तखनो को हाथो से पकड़ते हुए बीच के हिस्से को जमीन से ऊपर उठाए. स्वास भरते हुए कंधो के सहारे से शरीर को संतुलित करे. आखरी स्थिति में आकर सामान्य तरीके से सांस ले और सुविधा अनुसार इस स्थिति में बने रहे. शुरुवात में इसे 20 सेकंड से ज्यादा ना करे. सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे विपरीत क्रम में लौट आइये. ये अवसाद, तनाव और अनिद्रा के लिए लाभदायक हैं.

6. कटीवक्रासन-

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  शवासन की स्थिति में वापस आएं और पैरो को मिलाए और हथेलियों को वापस शरीर के पास रख दे. हाथो को लेटे लेटे कंधो की सीध में लेकर जाए. शरीर से कमतर दो फुट का फासला रखते हुए घुटनों को उठाइए और तलवो को जमीन पर जोडिये, शरीर के निचले हिस्से को दायी ओर मोड़ते हुए दोनों घुटनों को जमीन पर लाने की कोशिश कीजिये, सर को बायीं ओर घुमाते हुए स्थिति बनाए रखिये आहिस्ता से घुटने सिर और बाकी शरीर को सामान्य स्थिति में ले आये. अब दूसरी ओर फिर दोहराए. ये आसन पुरे ऊपरी शरीर को ताड़ता हैं. गर्दन और पीठ की मॉसपेशियों को बहुत फायेदा पहुँचाता हैं और पेट के लिए उत्तम हैं और कमर की चर्बी को भी कम करने में काफी कारगर हैं.

7. नौकासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  जमीन पर मूल स्थिति से गहरी सांस भरते हुए दोनों पैरो को ऊपर उठाए जितना आप उठा सके. अब दोनों हाथो को उठाए और पैरो की उंगलियों तक पहुँचने की कोशिश करे, अपने शरीर को करीब 45 डिग्री पर लाने की कोशिश करे, कोहनी और घुटनों को मोड़े बिना. ध्यान रखियेगा स्वास की गति सामान्य हो एवं मूल स्थिति बनाए रखे, आसन से निकलते वक़्त स्वास छोडिये. याद रखे इस आसन का अभ्यास झटके से ना करे. कमर की चर्बी घटाने के लिए नौकासन अतिउत्तम हैं, पेट के लिए भी ये फायेदेमंद हैं और पैर तथा कमर की माँसपेशियो में मजबूती लाने में कारगर हैं. घुटनों को संयमित करने में ये आसन मदद करता हैं. मधुमेह के मरीजों को इस आसन से फायेदा होता हैं और मन की एकाग्रता में सुधार आता हैं.

8. चक्रासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पीठ के बल लेट कर घुटने मोड़ कर पैरो को जितना हो सके कुह्लो के पास ले आए, पैरो के तलवे जमीन पर ही रहे, पैर फैलाईये और दोनों पैरो में इतना फासला हो जितना की दोनों कंधो के बीच, हाथ ऊपर उठाए, कोहनी मोड़े और और अपने हाथ जमीन पर ऐसे रखे ताकि उंगलिया कंधो को छुवे और हथेलियाँ जमीन पर हो. स्वास भरे, धीरे से हाथ और पैरो के बल पर अपने आप को ऊपर धकेलियें जबतक पूरा शरीर फ़ैल कर उल्टा U ना बन जाए, पैरो की उंगलियों पर खड़े हो, सिर में खून के बहाव को महसूस करे, फेफेड़े चौड़े होते हैं और वो आक्सीज़न से भर जाते हैं. सुविधानुसार स्थिति में बने रहे. स्वास छोड़कर अपने आप को आहिस्ता से नीचे लाये. चक्रासन का शाब्दिक अर्थ हैं पहिये का आसन. ये आसन मुख्यता नीलदंड पर केन्द्रित होता हैं उसे पूरी तरह ताड़ता हैं ऊपर से लेकर नीचे तक और देर तक ताड़ने के कारण ये आसन नाडिमंडल पर काम करता हैं. ये सीने को भी ताड़ता हैं फेफेड़ो को खोलता हैं तथा साँसों को गहरा तथा नियंत्रित करता हैं. इसलिए ये गुर्दों को संयमित करता हैं और ये ह्रदय के लिए भी अतिउतम हैं.

9. पेट के बल पर –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  ध्यान रहे किसी भी आसन को एक बार से ज्यादा ना करे. अभ्यास के बाद आप कोई भी आसन दो या तीन बार दोहरा सकते हैं. पेट के बल लेटिये और पैर सीधे और आरामदायक स्थिति में रखते हुए एक दुसरे से थोड़ी दुरी पर, हाथ शरीर के पास ही हो सामान्य स्थिति में सिर्फ एक तरफ घुमा के रखे.

10. मकरासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पेट के बल लेट कर पैरो को फैला दीजिये, पैरो की उंगलिया बाहर की तरफ, एड़िया अंदर की तरफ और जमीन को छूती हुई, दाहिनी कोहनी मोड़ते हुए दाहिनी हथेली को बहिनी भुजा पर रखिये उसी तरह बहिनी हथेली को बहिनी भुजा पर रखिये, माथा दोनों हाथो पर टिका लीजिये ताकि गर्दन को सहारा मिले, तनाव सम्बंधित आसन के लिए ये आसन बेहद फायेदेमंद हैं.

11. अर्ध शलभासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पेट के बल लेटिये, हाथो को जंघाओं के नीचे डालिए, दाहिना पैर जमीन से जितना ऊपर हो सके उठाइए (पैरो को सीधा रखे बिना घुटने मोड़े) दुसरे पैर पर वजन डाले बिना या पेट का निचला हिस्सा बिना ऊपर उठाए बिना जितनी देर हो सके इस आसन में बने रहे और स्वास भरे, स्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे पैर जमीन पर ले आए. अर्ध शलभासन बाजुओ के विकास में लाभप्रद हैं व पेट की माँसपेशियो को बल प्रदान करता हैं. ये पेट, पीठ तथा आंतो को उत्तेजित करता हैं और मजबूत करता हैं एवं नीलदंड को ताड़ता हैं. अब हथेलियों को जंघाओं के नीचे से निकाल कर विश्राम करे.

12. भुजंगासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  सिर इस तरह रखे की ठुड्डी जमीन पर हो, हाथो को सीने के पास लाए, हथेलियाँ जमीन पर हो और पैर जुड़े हुए, सांस अंदर भरते हुए धीरे से सिर उठाए इसी अवस्था में रहे जहाँ सीना जमीन से ऊपर हो पर ज्यादा नहीं. याद रहे आप केवल सहारा देने के लिए ही जमीन पर हैं. पूरा वजन हाथो पर मत डालिए स्थिति में बने रहिये और आराम से सामान्य स्थिति में लौट आइये. इससे ऊँचे स्तर के लिए शुरुवात उसी प्रकार होगी लेकिन इसमें सिर और सीने को जितना ऊपर हो सके उठाए, कुलहो की माँसपेशियो में कसाव लाए ताकि पीठ सुरक्षित रहे. पेट के नीचे का हिस्सा जमीन पर रहना चाहिए. स्थिति में बने रहिये फिर धीरे से वापस जमीन पर लौट जाइये भुजंगासन नीलदंड को ताड़ता हैं, कमर व हाथो को बल देता हैं और फेफेड़े और सीने को मजबूती देता हैं.

13. धनुरासन –

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Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पेट के बल लेट कर ठुड्डी जमीन पर रखिये, स्वास छोडिये, पैर उठाइए और घुटनों से मोड़िये, पैरो को अपनी और लाएँ, पीछे झुके और दाएँ हाथ से दाएँ टखने को पकडे व बाएँ हाथ से बाएँ टखने को पकडे, सांस भरे, टखनो को ऊपर की ओर खींचते हुए जंघाओं को जमीन के उपर उठने दे साथ ही सीने को जमीन के ऊपर उठाएँ. सांस रोके रखिये शरीर का पूरा वजन केवल पेट पर होना चाहिए. सिर को जितना पीछे हो सके ले कर जाएं. जितनी देर सांस को बिना तकलीफ के रोक सके उतनी देर रोकिये और आसन में बने रहे. अब धीमी गति से सांस रोक कर घुटने जमीन पर रखिये, तख्नियाँ छोड़े और पैर व हाथ जमीन पर लाएँ. सब आसनों में धनुरासन को सर्वश्रेष्ठ माना गया हैं. ये व्यक्ति को सुडौल बनाए रखता हैं और शरीर में लचीलापन लाता हैं. इसके नियमित अभ्यास से पीठ के निचले भाग, ऊपरी भाग तथा गर्दन के दर्द में लाभ होता हैं.

14. ताड़ आसन –

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :  सीधे खड़े हो, कमर सीधी रखे, पैरो के बीच थोडा फांसला दोनों हाथो की उंगलियों को एक दुसरे में फँसा कर सिर के ऊपर उठाए, शरीर व हाथो को और ऊपर तानने की कोशिश करे, सांस भरे, पैरो की उंगलियों पर सीधे खड़े हो और सांस सामान्य हो और स्थिति बने रहे. शरीर के हर भाग यहाँ तक की सिर में भी तनाव महसूस करे, सांस छोड़ते हुएआसन से विपरीत क्रम में बाहर निकले, सांस को केवल छाती, पेट, पैर और तलवे से गुजरते हुएमहसूस करे, विश्राम के बाद इसे फिर दोहराए. इस आसन में बिलकुल सीधे खड़े होने से संतुलन, चेतना व स्वास में सुधार आता हैं.

15. प्रिष्ठासन –

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पैरो के बीच थोडा फासला रखे, शरीर आरामदायक व संतुलित रहे, सांस भरते हुएहथेलियों को कमर पर रखे अब जितना हो सके पीछे झुके, हाथो से शरीर को सहारा दे, काबिलियत से ज्यादा ना करे, सांस बाहर छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापस आए. हालांकि देखने में ये बहुत ही सामान्य लगता हैं पर ये आसन लचीलापन लाता हैं. रीड व पीठ की मांसपेशियों को मजबूती देता हैं और स्वास प्रणाली को बेहतर बनाता हैं, शरीर को खड़ी अवस्था के बाकी आसनों के लिए तैयार करता हैं

16. पादहस्तासन –

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पैरो के बीच थोड़ी दुरी लाए, हाथ सीधे खड़े करे, थोडा पीछे झुके, सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके. पहले कमर को, फिर गर्दन और अंत में सिर को झुकाए, झुकते समय कुलहो को थोडा पीछे धकेले, पैरो की उंगलियों को छुए, शुरुवात में अगर घुटने मुड़े तो कोई बात नहीं, सांस भरे, उठे और सामान्य स्थिति में लौट आएं इसे दोहराए पादहस्तासन पैरो और घुटनों के लिए लाजवाब हैं. पेट की चर्बी को घटाने व कपाल में रक्त प्रवाह बढाने में ये मदद करता हैं. ये आसन भले ही बेहद आसान लगे मगर ये कारगर हैं. अब तक आपने देखा होगा की अलग अलग ज्यादातर ये एक साथ काम करते हैं आसन शरीर के अलग अलग हिस्सों में काम करते हैं

17. खड़ा चक्रासन –

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पैरो को थोड़ी दुरी पर रख कर खड़े हो, हाथ जंघाओं के पास, उंगलिया निचे की तरफ, एक हाथ को उठा के करीब 90 डिग्री पर लाए, हाथ को तानिये, अब शरीर को जितना हो सके दूसरी ओरझुकाए, ताकि शरीर में गोलाई आए, घुटने ना मोड़े, सांस भरते हुएऐसा करे, रुके और सांस छोड़ते हुएसामान्य स्थिति में वापस लौट जाएं, दूसरी और के लिए दोहराए ये रीड के लिए बहुत अच्छा आसन हैं. रीड की पार्थिव खिचाव के कारण ये पीठ की चर्बी कम करने में मदद करता हैं. और क्युकी यहाँ की मॉसपेशियों की कसरत नहीं होती ये शारीरिक योग्यता के लिए बढ़िया हैं

18. वृक्षासन –

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :  ताड़ आसन में खड़े हो कर दाहिने पैर को घुटने से मोड़िये. दाहिनी जंघा के तलवे को उठा कर बायीं जंघा की ओर दबा कर जितना ऊँचा रख सके रखे , बायीं पैर पर संतुलन बना कर दोनों हाथो को जोड़े और ऊपर ले जाए, दोनों कोहनियों को बिना झुकाए, जितना देर हो सके उतनी देर, नथुनों से धीमी गति से स्वास लेते रहे, हाथो व दाए पैर को नीचे लाए व सामान्य स्थिति में, थोडा रुक कर दुसरे पैर के साथ दोहराए, वृक्षासन में सबसे बड़ी चुनौती संतुलन बनाए रखने की हैं, योग में माना जाता हैं की देर तक खड़े ना रह पाना अस्थिर मन की निशानी हैं. इस आसन के अभ्यास से मन की एकाग्रता में सुधार होता हैं

19. नटराज आसन –

Yoga for Weight Loss in Hindi

Yoga for Weight Loss in Hindi  :  पैरो में थोड़ी दुरी रख कर खड़े रहे, हाथ शरीर के थोड़े निकट, बाए पैर को मोड़ कर पीछे की ओर ले जाए. बाए हाथ को बाए पैर से पकडिये साथ ही दाए हाथ को सीधा उठाए, संतुलन बनाए रखे, बाए पैर को बाए हाथ से जितना ऊपर उठा सके उठाए, ऐसा करने के लिए आपको आगे झुकना पड़ेगा, नथुनों से धीमी गति में सांस लेते हुएइस आसन में बने रहे. नज़र थोड़ी ऊपर की ओर केन्द्रित करे, जितनी देर रह सके इस आसन में रहे फिर विपरीत क्रम में आसन से बाहर आएं. नटराज आसन का नाम भगवान शिव की एक न्रत्य मुद्रा पर रखी गयी हैं, संतुलन तथा मन की एकाग्रता में ये आसन सुधार लाता हैं, पीठ का मेहराब सा आकार, और तना हुआ पैर रीड के हर जोड़ को सीध में लाता हैं और शरीर को लचीला बनाते हैं.

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