गांधी जी जेल में : शांतिपूर्ण ढंग से चलाए जा रहे इस असहयोग आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेजों ने गोलियों और लाठियों का सहारा लिया। सैकड़ों लोग देश पर बलिदान हो गए। बड़े-बड़े नेताओं को जेल में ठूस दिया गया। गांधी जी को भी गिरफ्तार करके छ: वर्ष के कारावास की सजा सुना दी गई। | जेल में गांधी जी ने पांच दिन का अनशन करने की घोषणा करते हुए देशवासियों को संदेश दिया, “मेरे देश की जनता को अहिंसा का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। भले ही वे आंदोलन में भाग न लें।”
बड़े-बड़े कांग्रेसी नेता इस पक्ष में नहीं थे कि आंदोलन रोका जाए, पर गांधी जी 1857 की क्रांति की भांति अपने देशवासियों को खूनी दलदल में धकेलने को तैयार नहीं थे। । जेल में उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। 13 जनवरी, 1924 को पूना अस्पताल में उनका ‘एपेंडिक्स’
का ऑपरेशन किया गया और उन्हें पूरा आराम करने की सलाह दी गई। उनके खराब स्वास्थ्य को देखकर | 5 फरवरी, 1924 को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।