गांधी जी शांति-निकेतन में : गांधी जी बंबई में रहने लगे। बीच-बीच में वे भारत-भ्रमण पर भी जाते रहे। परंतु इसी बीच उन्हें फिर से दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा और प्रवासी भारतीयों के अधिकारों के लिए वहां की गोरी सरकार से लड़ना पड़ा। एक लंबी लड़ाई के बाद भारतीयों को उनके अधिकार दिलाकर गांधी जी 18 जुलाई, 1914 को लंदन होते हुए भारत पहुंचे। उस समय प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ा हुआ था। भारतीय सैनिकों ने उसमें अंग्रेजों की ओर से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। | भारत आकर गांधी जी एक बार फिर गोखले से मिले। वे उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। 19 फरवरी सन् 1915 को गोखले जी का स्वर्गवास हो गया। सर्वत्र शोक छा गया। गांधी जी एक वर्ष तक नंगे पैर रहने का व्रत लेकर भारत-भ्रमण के लिए निकल पड़े। वे घूमते हुए कलकत्ता के निकट गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के शांति-निकेतन पहुंचे। गुरुदेव से प्रभावित होकर उन्होंने त्याग का संकल्प ले लिया।