बैरिस्टर गांधी का विरोध

बैरिस्टर गांधी का विरोध : उस रात बैरिस्टर गांधी प्लेटफार्म पर ही ठंड में ठिठुरते हुए बैठे रहे। किया गया अपमान उनके | हृदय को गहरे तक कचोट रहा था। अंग्रेजों के इस दूषित व्यवहार के प्रति विद्रोह की अग्नि उनके हृदय में
सुलगती रही। उन्होंने सुबह होते ही रेलवे के जनरल मैनेजर को और सेठ अब्दुल्ला को इस घटना की
सूचना तार द्वारा दी। उन्होंने निश्चय कर लिया था कि वे सरकार की इस रंग-भेद नीति का जमकर विरोध | करेंगे, हार मानकर कायरों की भांति वापस हिंदुस्तान नहीं लौटेंगे।
सेठ अब्दुल्ला तार पाकर तत्काल जनरल मैनेजर से मिले। रेलवे के जनरल मैनेजर ने भी कर्मचारियों का पक्ष लिया। लेकिन स्टेशन मास्टर को तत्काल तार द्वारा सूचित किया कि बैरिस्टर गांधी | को दूसरी गाड़ी से प्रिटोरिया भेजें और रास्ते में उनकी सुविधाओं का ध्यान रखें।
बैरिस्टर गांधी सकुशल प्रिटोरिया पहुंच गए। सेठ अब्दुल्ला की सूचना पर बहुत से हिंदुस्तानी | उन्हें स्टेशन पर लेने आए। वे पहले भारतीय थे, जिन्होंने रेलवे के अंग्रेज कर्मचारियों के विरुद्ध जनरल
मैनेजर से शिकायत की थी। इससे उनका मान बढ़ गया था।

बैरिस्टर गांधी का विरोध

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.