मृत्यु से जूझते रोगियों की सेवा का संकल्प

मृत्यु से जूझते रोगियों की सेवा का संकल्प : उस औरत की मृत्यु के बाद मदर ने संकल्प किया कि वह मृत्यु से जूझते हुए रोगियों की सेवा करेगी और उनके लिए एक ऐसा स्थान बनाएगी, जहां वे लावारिसों की भांति दम न तोड़ सकें।
उचित जगह की तलाश में भटकते हुए मदर टेरेसा एक दिन नगर पालिका कार्यालय पहुंची। वहां वे । डॉक्टर अहमद से मिलीं । वह डॉक्टर बड़ा दयालु था।
मदर ने विनम्रता से कहा, “डॉक्टर अहमद! मैं आपका सहयोग चाहती हूं।” डॉक्टर अहमद ने मुस्कराकर कहा, “मुझे खुशी होगी यदि मैं आपके किसी काम आ सकें।”
मदर ने कहा, ‘आजकल फुटपाथ पर रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। उनमें से अधिकांश । लावारिसों की भांति दम तोड़ देते हैं। जगह न होने के कारण फुटपाथ से हटाकर मैं उनका इलाज नहीं करवा पाती। क्या आप कोई ऐसा स्थान हमें बता सकते हैं या दे सकते हैं, जहां उन्हें रखकर मैं उनकी सेवा कर सकें?”
“मेरी निगाह में एक जगह है तो मदर?” डॉक्टर बोला, “काली घाट के मंदिर के पास जो धर्मशाला है, उसमें अराजक तत्वों का डेरा रहता है। इस कारण वह धर्मशाला बदनाम हो चुकी है। यदि आप चाहें तो वह स्थान ले सकती हैं।” | “आप आदेश करें, मैं कल से ही वहां रोगियों का उपचार शुरू कर दूंगी।” मदर के चेहरे पर प्रसन्नता दौड़ गई।

मृत्यु से जूझते रोगियों की सेवा का संकल्प

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.