क्रांतिकारी परिवर्तन : बैरिस्टर गांधी के क्षमादान का आक्रमणकारी लड़कों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। वे अपनी हरकत पर बेहद शर्मिंदा हुए। उधर इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री चेंबरलेन को गांधी जी पर हुए आक्रमण का समाचार मिला तो दक्षिण अफ्रीका की सरकार को उनका सख्त आदेश आया कि गांधी जी पर आक्रमण करने वालों पर मुकदमा चलाया जाए और गांधीजी के साथ पूरा न्याय किया जाए।
गांधी जी के क्षमादान और ब्रिटिश हुकूमत के प्रधानमंत्री चेंबरलेन के आदेश से पूरे दक्षिण अफ्रीका में हड़कंप मच गया। गांधी जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग ने रंगभेदी गोरों के जोश और उत्तेजना को ठंड़ा कर दिया। भारतवासियों का खोया हुआ सम्मान लौट आया। उन्होंने गांधी जी को अपना नेता मान लिया और सर्वत्र उनकी जय-जयकार होने लगी। दूसरी ओर गांधी जी ने नेटाल में एक आश्रम स्थापित किया, वहां वे दुखियों की
नि:स्वार्थ भाव से सेवा करने लगे।