गांधी जी चंपारन में : सन् 1916 में लखनऊ में हुए कांग्रेस अधिवेशन में चंपारन को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें वहां के किसानों को गरीबी और गुलामी के दमन-चक्र से छुटकारा दिलाने की बात कही गई थी। इस कार्य के लिए गांधी जी को चुना गया। | 10 अप्रैल सन् 1917 को गांधी जी पटना पहुंचे। उस समय वहां नील की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी। बिहार के चंपारन जिले में नील की कोठियों के मालिक अंग्रेज थे। वे किसानों पर बड़ा अत्याचार करते थे। वहां पहुंचकर गांधी जी ने अंग्रेज प्लांटरों के खिलाफ आंदोलन किया। इस आंदोलन के फलस्वरूप धीरे-धीरे भारत से नील की जबरन खेती का नामो-निशान ही मिट गया। यह गांधीजी के आंदोलन की जबरदस्त सफलता थी। सरकार को वहां के किसानों के आगे झुकना पड़ा।