बंदर और गौरैया – Short Moral Stories in Hindi
Short Moral Stories in Hindi : एक बहुत ही सुनसान और सर्द रात थी.मौसम बहुत ही ठंडा था.वही दूर कहीं एक बंदरों का समूह एक पेड़ पर था.सब पेड़ की डालियों से चिपके हुए थे.उनमे से एक बंदर ने कहा, “काश हम सब कहीं आग ढूँढ पाते, इससे हमे थोड़ी गर्मी मिल जाती.
अचानक उन्हे जुगनू का झुंड नज़र आया.वो रात मे बहुत ज़्यादा चमक रही थी.उनमे से एक बंदर ने सोचा की ये आग है तो उसने एक जुगनू को पकड़ा ओर उसे फूँक मारने लगा ताकि हवा से आग थोड़ी ओर बाद जाए और उसे ठंड से निजात मिल जाए.उसके ऐसा करते देख और बंदर भी ऐसा करने लगे और जुगनू को पकड़कर उसमे फूँक मारने लगे.
तभी एक गौरैया वहाँ पहुँचा, उसका घोंसला भी उसी पेड़ पर था जहाँ बंदर थे.उसने ध्यान से देखा की बंदर क्या कर रहे हैं.यह सब देखकर गौरैया हासणे लगा और कहा, “मूर्ख बंदरों, ये असली आग नही है बल्कि जुगनू है”. उसने कहा की तुम सबको इसके बजाय किसी गुफा मे शरण लेनी चाहिए.
पर बंदरों ने उसकी बात पे कोई ध्यान नही दिया और अपना काम करते रहे.काफ़ी देर बाद जब ये सब कर के वह थक गये तो तब उन्हे एहसास हुआ की गौरैया बिल्कुल सही कहा था.
उन्होने तब सारे जुगनू को आज़ाद कर दिया और गुफा की तरफ निकल पड़े.