मदर का सत्याग्रह : एक बार मदर ने फुटपाथ पर एक गरीब औरत को बेहोश पड़े देखा। उस औरत के कपड़े फटे हुए थे और सांस धीमी गति से चल रही थी। मदर उसे सरकारी अस्पताल ले आईं। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चला कि कोई बेड खाली नहीं है। मदर ने अस्पताल के अधिकारी से बात की।
“देखिए, अगर बेड खाली नहीं है तो आप इसे जमीन पर ही गद्दा डालकर लिटा दें और इसका इलाज करें।”
“जब यहां जगह खाली नहीं है तो हम नए मरीज को लेकर उसका इलाज कैसे कर सकते हैं? अधिकारी ने उल्टे मदर से पूछा।
“यह आप क्या कह रहे हैं ? इस औरत की हालत नाजुक है। यह मर जाएगी।” मदर ने उसे समझाने की कोशिश की।
“मर जाने दो।” अधिकारी बेरुखी से बोला, रोज सैकड़ों लावारिस मरते हैं।” यह कहकर अधिकारी वहां से चला गया। | मदर उस औरत के शरीर को रात भर अपनी गोद में लिए बैठी रहीं। सुबह वह अधिकारी उधर से निकला तो मदर की निष्ठा देखकर उसने हार मान ली। उसने गद्दा बिछवाकर उसे लिटाया और इलाज किया।