“मदर होम’ का उद्घाटन : सन् 1960 में पं. नेहरू ने अस्वस्थ होते हुए भी मदर टेरेसा के ‘मदर होम’ का उद्घाटन किया। उस अवसर पर मदर ने नेहरू जी से कहा, “यदि आप आदेश दें तो मैं आपको अपनी संस्था ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के बारे में बताऊं?’ । नेहरू जी ने उन्हें उत्तर दिया, “मदर ! मैं आपकी इस संस्था के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। आपकी संस्था किसी परिचय की मोहताज नहीं है। विश्व के लोग इसके बारे में सबकुछ जानते हैं। बल्कि मैं तो कहता हूं कि पूरा विश्व आपकी संस्था का ऋणी है। निराश्रित बच्चों और बेसहारा रोगियों । की सेवा का उत्तरदायित्व आपकी यह संस्था जिस कर्मठता के साथ निभाती है, उसकी मिसाल कहीं ढूंढे । से भी नहीं मिलेगी। आपका धैर्य और नि:स्वार्थ सेवा-भाव धन्य है।”
नेहरू जी के शब्द सुनकर मदर टेरेसा आत्म-विभोर हो उठीं। उनकी आंखों से अविरल अश्रुपात होने । लगा। उसे देखकर नेहरू जी बोल उठे, “मदर ! यह क्या? आप रो रही हैं?”
“नहीं!” मदर ने दृढ़ता से कहा, “ये मेरे आंसू नहीं हैं। ये तो उन दीन दुखियों के आंसू हैं, जो प्रायः । अधिक पीड़ा के कारण उनकी आंखों में ही सूख जाते हैं। आपकी प्रशंसा ने आज उनका बांध तोड़ दिया है।”