मोहनदास गांधी का विवाह : मोहनदास गांधी अभी मैट्रिक में आए भी नहीं थे कि बारह-तेरह वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह कस्तूरबा से कर दिया गया। विवाह के बाद गांधी जी का वैवाहिक-जीवन और विद्याध्ययन साथ-साथ चलते रहे। पढ़ाई के बाद जो समय मिलता, वह कस्तूरबा के आस-पास मंडराने में ही बीत जाता। कक्षा में बैठे-बैठे भी वे कस्तूरबा के सपने देखते रहते । पुस्तकों में उनका जरा भी मन नहीं लगता था।
उन्हीं दिनों उनकी कम उम्र पत्नी गर्भवती हो गई और मैट्रिक पास करने से पहले ही मोहनदास गांधी एक पुत्र के पिता बन गए।
कम उम्र में पिता बन जाने से गांधी जी को खुशी भी हुई, पर मन ही मन बुरा भी लगा- इतनी जल्दी यह सब नहीं होना चाहिए था। उनके पिता बन जाने की खुशी में घर में बड़ी धूमधाम से उत्सव मनाया गया।