विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath

विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath

विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath : एक बार जंगल में एक लंबे पेड़ पर चिड़िया और उसके साथी ने मिलकर सुंदर छोटा सा घोंसला बनाया। उन्होंने घोंसला बनाने में बहुत मेहनत की थी। चिड़िया उस घोंसले को देखकर बहुत खुश थी। उसने उसमें चार अंडे दिए। उनको सेकने के लिए वह आराम से उनके ऊपर बैठी रही। एक दिन एक जंगली हाथी पेड़ के पास से गुजरा। वह हाथी जवान और ताकतवर था।

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वह जंगल में इधर-उधर मस्ती से घूमता रहता। उसने कई पेड़-पौधे उखाड़ दिए। वह झाड़ियों पर अपनी ताकत आजमाता और बड़े-बड़े बोल्डरों को इधर-उधर फेंक देता। हाथी उस पेड़ के पास पहुंचा, जहां चिड़िया ने अपना घर बना रखा था। उसने अपनी सूड से एक बड़ी डाल को तोड़ डाला। इसी डाल पर चिड़िया का घोंसला था। घोंसला नीचे जमीन पर गिर गया और सारे अंडे टूट गए। चिड़िया जोर – जोर से रोने लगी। हाथी अपनी मस्त चाल से अपने रास्ते चला गया।

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विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath

विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath : थोड़ी देर दुख मनाने के बाद चिड़िया ने अपने पति से कहा कि मुझे इस हाथी से इसकी करनी का बदला लेना है। मुझे कुछ करना पड़ेगा। ‘मेरी रानी! हम हाथी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते, क्योंकि वह इस जंगल का सबसे ताकतवर जानवर है और तुम केवल एक छोटी-सी चिड़िया हो। अच्छा है तुम अपने गम को भूल जाओ। हम एक नया घोंसला बनाएंगे और फिर तुम उसमें अंडे देना।’ ‘मैं एक छोटी चिड़िया जरूर हूं, पर मैं चतुर हूं। मैं हाथी से बदला लेने के लिए तरकीब लगाऊँगी।” यह कहकर वह अपने तीन मित्रों के पास सहायता लेने चल पड़ी। उसके तीन मित्र-मच्छर, कठफोड़वा और मेढक थे। काफी सोच-विचार के पश्चात तीनों ने मिलकर एक तरकीब निकाली।

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विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath

विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath : मेढ़क ने मच्छर से कहा-‘तुम हाथी के कान के पास जाकर जोर से मीठी आवाज में गाना गाना।’ मेढक को पता था कि हाथी को गाना सुनना अच्छा लगता था। वह गाना सुनकर आंख बंद करके झूमने लगेगा। मेढ़क ने कठफोड़वा को कहा – ‘जब हाथी आंख बंद करके झूम रहा होगा तो तुम उसकी आंख में जाकर जोर से चोंच मार देना, हाथी दर्द के मारे चिल्लाने लगेगा और वह देख न सकने के कारण लड़खड़ाने लगेगा और मैं एक गड्ढे के किनारे बैठकर जोर-जोर से टर्र-टर्र करूंगा। हाथी सोचेगा कि यहीं कहीं पास में तालाब है, सो वह अपनी आंख ठंडे पानी में धोने के लिए जल्दी से भागेगा और गड्ढे में गिर जाएगा।

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विद्वान मित्रो का साथ | Vidhwan Mitro Ka Sath : चिड़िया यह तरकीब सुनकर बहुत खुश हुई। अगले दिन ही तीनों ने इसी तरकीब के मुताबिक काम किया। चिड़िया के मित्रों ने अपना-अपना काम ठीक तरीके से किया और हाथी गड्ढे में गिर गया। ‘जब छोटे-छोटे मित्र मिलकर काम करें तो बड़े से बड़े शत्रु को भी गिरा सकते हैं।’ बाद में चिड़िया अपने पति को यह खुशखबरी सुना रही थी।

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