सीसो का प्रभाव : सीसो इटली के एक व्यापारी का पुत्र था। उसका वास्तविक नाम ‘जीओवानी बर्नाड्रोन’ था। उसके मां-बाप लाड़-प्यार में उसे ‘सीसो’ पुकारते थे। एक बार उसकी टीचर ने उसे बताया कि सीसो ने
कोढ़ियों के लिए इटली में एक अस्पताल बनवाया था। उसने कुष्ठ रोगियों के प्रति अपनी पूरी | संवेदनशीलता और करुणा का इजहार किया था। उसने अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर ‘दि पूअर
ब्रदर्स ऑफ असीसी’ नामक संगठन बनाया था, जिसका प्रमुख उद्देश्य मानव सेवा करना था। उसके लिए चर्च का पुनर्निर्माण इतना जरूरी नहीं था, जितना कि कुष्ठ रोगियों के लिए अस्पताल बनाना। जीव हत्या का वह बड़ा विरोधी था।
सीसो के बारे में सुनकर गोंजा बहुत प्रभावित हुई। उसके मन में बचपन से ही बीमारों, निराश्रितों, निर्धनों और बेसहारा बच्चों के प्रति दया का भाव उत्पन्न हो गया था। उसकी मां और उसकी टीचर दोनों ने ही उसके जीवन में दया और करुणा के महत्व को कूट-कूटकर भर दिया था।
स्कूल में अध्ययन के समय ही उसने भारत की गरीबी के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था। सेवा कार्य के महत्व को जानकर ही वह भारत की ओर आकृष्ट हुई थी। उसने निर्णय किया कि वह भी सीसो की | भांति रोगियों और दीन-दुखियों की सेवा करेगी। वह भी सीसो की तरह संगठन बनाएगी।