ध्यानमग्न तोता – Akbar Birbal Stories in Hindi

ध्यानमग्न तोता अकबर बीरबल की कहानियाँ।

ध्यानमग्न तोता – Akbar Birbal Stories in Hindi : एक सुबह ,अकबर का एक कृपापात्र सेवक बीरबल के घर पंहुचा। वह बहुत दुखी व परेशान था।

“क्या बात है अली !” बीरबल ने पूछा।
“श्रीमान , मेरा जीवन खतरे में है केवल आप ही मुझे इस खतरे से बाहर निकाल सकते है। ” अली ने जवाब दिया।
“मैं अपनी तरफ से पूरा प्रयास करूँगा, परंतु पहले यह तो बताओ की बात क्या है ?” बीरबल ने कहा।
अली ने बताया “श्रीमान, कुछ महीने पहले एक फकीर ने महाराज को एक तोता दिया था। महाराज ने वह तोता मुझे दिया और उसकी अच्छी तरह से देखभाल करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने यह निर्देश भी दिया की यदि कोई भी व्यक्ति इसकी मौत की सूचना उनके पास ले जाएगा तो उसे मौत की सजा दी जाएगी। श्रीमान अच्छी से अच्छी देखभाल करने और विशेष ध्यान रखने के बाद भी आज सुबह मैंने उसे पिंजरे में मरा हुआ पाया। अब मुझे अपने जीवन का भय हो रहा है। ”
बस इतनी सी बात है ?
घबराओ नहीं। तुम अपने घर जाओ और सब कुछ मुझ पर छोड़ दो। यह सूचना महाराज तक मै पंहुचा दूंगा। ” बीरबल ने अली से कहा। बीरबल के विश्वास दिलाने पर अली अपने घर चला गया। इसके पश्चात् बीरबल अकबर के दरबार में पंहुचा और बोला “महाराज! फकीर द्वारा आपको भेंट किया गया तोता सचमुच एक पवित्र आत्मा है। आज सुबह जब मै उसे देखने गया तो पाया की वह आकाश की तरफ मुँह करके, धरती पर लेटा हुआ व आखें बंद किये हुए ध्यानमग्न था।

Also Check: बुद्धि से भरा घड़ा – Akbar Birbal Stories in Hindi

“क्या वास्तव में ऐसा है! कहीं तुम मजाक तो नहीं कर रहे हो ? यदि ऐसा है, तो चलो चलकर देखते है।” अकबर ने कहा।

तोते को देखने के लिए अकबर, बीरबल तथा कुछ अन्य दरबारीगण अली के घर पहुँचे।

वहाँ तोते के मृत शरीर को देखकर अकबर ने आग बबूला होकर क्रोध में कहा, “बीरबल तुम नि:संदेह बुदिमान हो, परंतु कई अवसर ऐसे भी आते है, जब व्यक्ति को अपनी सीमा में रहना चाहिए। मै यह देख सकता हूँ की तोता मरा हुआ है। क्या तुम मुझे मूर्ख समझते हो ? ऐसा बहाना मत करो जैसे की उसके विषय में तुम कुछ जानते ही नहीं।”

“महाराज, मै इस विषय में जानता तो था की तोता मर चुका है, परंतु अपना जीवन बचाने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा।” बीरबल ने उतर दिया।
अकबर को अपने कहे वो शब्द याद आए जो उसने अली को तोता देते समय कहे थे। उसने अली को बुलाया और बीरबल से कहा “बीरबल, अपनी बुद्धिमानी से तुमने एक बार फिर एक जीवन की रक्षा की।”

इस प्रकार अकबर ने अली को माफ कर दिया और बीरबल को अली की मदद करने के लिए पुरस्क्रत किया।

और कहानियों के लिए देखें : Akbar Birbal Stories in Hindi

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Hind Patrika

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