‘बा’ का निधन : महात्मा गांधी उन दिनों आगा खां महल में नजरबंद थे। गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा गांधी उनके साथ ही थीं। अपने देशवासियों पर हो रहे अत्याचारों से गांधी जी बहुत दुखी थे। दुखी होकर 10 फरवरी, 1943 को गांधी जी ने इक्कीस दिन का उपवास शुरू कर दिया।’बा’ उनकी देखभाल करती थीं। परंतु उनकी देखभाल करते-करते वे स्वयं भी बीमार पड़ गईं।
डॉक्टरी सहायता का कोई उचित प्रबंध नहीं था। गांधी जी का स्वास्थ्य अनशन के कारण पहले ही खराब चल रहा था। एक दिन’बा’ की हालत ज्यादा बिगड़ गई। डॉक्टरी सहायता पहुंचने से पहले ही 22 फरवरी, 1944 को शाम सात बजकर पच्चीस मिनट पर ‘बा’ सदा के लिए गांधी जी का साथ छोड़ गईं।
‘बा’ की मृत्यु के बाद गांधी जी का स्वास्थ्य और भी खराब हो गया। घबराकर गोरी सरकार ने उन्हें 6. मई, 1944 को जेल से रिहा कर दिया। वे यह भलीभांति जानते थे कि गांधी जी को यदि कुछ हो गया तो | हिंदुस्तानी उन्हें कच्चा चबा जाएंगे।