Baby Story in Hindi : “अलाला।” शालिनी ने उन शब्दों को सुना और मुस्कुराई।
ठीक उसी समय, उसका पति आदित्य कमरे में आया.
उसने शालिनी को मुस्कुराते हुवे देखा तो पूछा, “इस प्यारी सी मुस्कान की पीछे की वजह क्या हैं?”
शालिनी ने उसे देखा और कहा, “” अलाला। ”
राज ने उस शब्द को सुना और उलझन में पड़ गया।
Baby Story in Hindi
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इससे पहले, वह कुछ भी पूछ सकता था, उसकी एक वर्षीय बेटी आयशा ने फिर से दोहराया, “आ … ला … ला”
शालिनी ने तुरंत कहा, “क्या तुमने सुना? यह आयशा का पहला शब्द है। ”
“हाँ! मैंने सुना और मुझे यकीन नहीं हो रहा हैं, ऐसा ख़ुशी का एहसास पहले कभी नहीं हुआ.
फिर उसने अपनी बेटी को गोदी में उठाया, प्यार से पुचकारा और अपने छोटे से परिवार के साथ फर्श पर बैठ गया और अपनी पत्नी से पूछा, “क्या तुम्हे लगता है कि इसका कोई मतलब है?”
शालिनी ने मुस्कुराते हुवे आदित्य को देखा और कहा क्या इसका मतलब सच में मायने रखता हैं.
आदित्या ने उसके ख़ुशी से भरे चेहरे को देखा और उसकी बात समझ गया. उसने जवाब दिया, “नहीं, बिल्कुल नहीं।”
कभी-कभी, शब्द से जुड़ी भावनाएं मायने रखती हैं, मतलब नहीं भले ही उस शब्द का कोई मतलब ना हो लेकिन माता-पिता के लिए वो शब्द एक शुरुवात हैं, वो रास्ता हैं, वो ख्वाब हैं जो अब सच होने जा रहा था अपने बच्चे की प्यारी प्यारी बाते सुनने का रास्ता।
Baby Story in Hindi
दौड़ने दो खुले मैदानों में ,
इन नन्हें कदमों को जनाब !
जिंदगी बहुत तेज भगाती है,
बचपन गुजर जाने के बाद!!
खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ,
माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ,
घर को रोशन करती हैं बेटियाँ,
लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ.
बेटी भार नही, है आधार,
जीवन हैं उसका अधिकार,
शिक्षा हैं उसका हथियार
बढ़ाओ कदम, करो स्वीकार.
बेटे भाग्य से होते हैं
पर बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं.
जरूरी नही रौशनी चिरागों से ही हो,
बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं.
एक मीठी सी मुस्कान हैं बेटी,
यह सच है कि मेहमान हैं बेटी,
उस घर की पहचान बनने चली
जिस घर से अनजान हैं बेटी.
सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या-क्या ले आई,
किसी ने ना पूछा बेटी क्या-क्या छोड़ आई.
मातृशक्ति यदि नही बची तो
बाकी यहाँ रहेगा कौन?
प्रसव वेदना, लालन-पालन
सब दुःख-दर्द सहेगा कौन?
मानव हो तो दानवता को
त्यागो फिर ये उत्तर दो इस
नन्ही से जान के दुश्मन को
इंसान कहेगा कौन?
बेटे भाग्य से होते हैं पर
बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं.
बेटा अंश हैं तो बेटी वंश हैं,
बेटा आन हैं तो बेटी शान हैं.
लक्ष्मी का वरदान हैं बेटी,
धरती पर भगवान हैं बेटी.
माँ-बाप के जीवन में ये दिन भी आता हैं,
जिगर का टुकड़ा ही एक दिन दूर हो जाता हैं.
बेटी बचाओ और जीवन सजाओ,
बेटी पढ़ाओ और ख़ुशहाली बढ़ाओ.
मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं,
क्योकि पापा तो सिर्फ खिलौने लाते हैं
पर शाम तो पापा को लाती हैं.
पराया होकर भी कभी पराई नही होती,
शायद इसलिए
कभी पिता से हँसकर बेटी की बिदाई नही होती.
बेटी को मत समझो भार,
जीवन का हैं ये आधार.
बेटी है कुदरत का उपहार,
जीने का इसको दो अधिकार.
Baby Story in Hindi
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