Child Labour in Hindi | बाल श्रम एक कलंक

Child Labour in Hindi | बाल श्रम एक कलंक

Child Labour in Hindi

Child Labour in Hindi : बाल श्रम क्या हैं  ऐसे दो शब्द जिसने करोड़ो बच्चो की जिंदगियो से खिलवाड़ करके बचपन की यादो को, बचपन की मस्तियो को, और बचपन की सीखो को हमेशा हमेशा के लिए उनसे छीन लिया हैं. हर किसी को बचपन जीने का अधिकार हैं फिर क्यों ये बच्चे अपना सारा बचपन मिटटी की धुल में झोक आते हैं. इतनी छोटी सी उम्र में इतना बेबस हो जाते हैं की आपके और हमारे जूठे बर्तन तक उठाते हुवे हमे यही कही पास के ढाबो में अभी भी अक्सर दिखाई पड़ जाते हैं, इनकी जिंदगी में अभी भी बहुत कुछ बचा होता हैं, कारखानों में काम करने के अलावा, और दिनभर धुप में बस स्टॉप में अखबार या चाय बेचने के अलावा, साथ ही बचा होता हैं बहुत से पडावो को जिंदगी में पार करना लेकिन वो सब बची हुई जरुरी चीज़े कही दब जाती हैं उन छोटे छोटे कंधो के तले काम के बोझ में.

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बाल श्रम के कारण :

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Child Labour in Hindi : कभी सोचा हैं वो नन्हे नन्हे हाथ क्यों काम का दामन पकड़ लेते हैं. और बाद में जब इन्ही नन्हे नन्हे हाथो को 2 पैसे मिलते हैं तो इनका दिल खुशियों के समन्दर से भर जाता हैं बिना इन्हें ये मालुम हुवे की ये धीरे धीरे वे शोषण के जाल में फंस रहे हैं. आप जानते हैं सबसे घटिया बात क्या हैं इस बाल श्रम की! बच्चो का काम करना? जी नहीं. छोटी सी उम्र में बचपन को खो देना? जी नहीं! उन छोटे छोटे मासूमो का शोषण होना? जी बिलकुल भी नहीं! सबसे घटिया हैं सबका जागरूक रहकर भी इस कृत्य में साथ देना. क्या वे ढाबे वाले, कारखाना चलाने वाले, छोटी – मोटी दुकान चलाने वाले नहीं जानते की बाल श्रम करवाना एक गैर क़ानूनी काम हैं. आज के समय में हर व्यक्ति इस चीज़ से वाकिफ हैं की बाल श्रम मजदूरी एक ऐसा काम हैं जिसमे आपको 3 साल की सजा और 10,000 रुपयों का जुर्माना भी भरना पड़ सकता हैं तथा इस कृत्य को वापस दोहराने पर दोगनी सजा और जुर्माने का प्रवाधान भी हैं . लेकिन बावजूद इसके कम लागत पर अपना काम बनते हुवे देखना इनकी संवेदनशीलता को ख़त्म कर देता हैं और बच्चो को श्रमिक बनवाने में अहम भूमिका निभाते हैं.`

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बाल श्रम को लेकर समाज में जागरूकता :

Child Labour in Hindi

Child Labour in Hindi : लेकिन क्या आप जानते हैं भला इनसे भी घटिया क्या हैं जी हां! इनसे भी घटिया. इनसे भी घटिया हैं हमारे समाज में आपका और मेरा ये सब देख कर भी, जानकार भी मूक रहना. क्या हमने बचपन में जो सिखा, जो पढ़ा वो इसीलिए की जहा पर हमे अपनी आवाज़ बुलंद करनी चहिये वहाँ पर हम भीगी बिल्ली बन जाएं. और एक ऐसे नीच सोच रखने लग जाएं की भला हमे क्या मतलब इनसे. मतलब हैं जब तक हम इंसान हैं इस संसार में हैं. हमे हर उस गैर क़ानूनी और गैर इंसानियत काम के खिलाफ अपनी आवाज़ मजबूत करके बोलना चाहिए, आगे बढ़ना चाहिए. यदि आप सक्षम हैं तो कृपया कर पीछे ना हटे. कुछ तो करे बच्चो को उस दलदल से निकालने के लिए क्युकी यदि आप इस चीज़ में आगे बढ़ेंगे तभी तो असल रूप मे समाज में जागरूकता फैलेगी. नहीं तो हर व्यक्ति यही सोचेगा की भला उसे क्या मतलब. और अगर आप इस चीज़ में सक्षम नहीं हैं की उनको सच में वहाँ से बाहर ना भी निकले पर अपनी तरफ से कुछ तो करे. जैसे की यदि आप अपनी सोशल नेटवर्किंग साईट पर इस चीज़ से सम्बंधित कुछ लिख कर अपना जानने वालो में लगातार जागरूक बना सकते हैं. क्युकी यदि आप जागरूक रहेंगे तभी समाज भी जागरूक रहेगा. बस इसको खत्म करने में निरंतर प्रयास करते रहिएगा चाहे छोटे मोटे स्तर पर करे.

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वो छोटे – छोटे मासूम बच्चे :

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Child Labour in Hindi : वो सुंदर से दिन बिना किसी इर्ष्या बिना किसी गलत भावना से, मोह माया से दूर बस अपनी ही धुन में मस्त मगन रहना. दोस्तों के साथ खूब मौज करना. ये सब के बारे में नहीं जानते बाल श्रमिक. क्या इनका मन नहीं करता होगा दुसरे बच्चो को देख के खेल खेलने का. क्या इनका मन नहीं करता होगा. दोस्तों के साथ मस्ती करने का, क्या इनका मन नहीं करता होगा की इनके छोटे छोटे हाथो को माँ बाप का हाथ मिले और स्कूल की तरफ इनके भी कदम पड़े. आखिर क्यों? उस छोटी सी उम्र में ये सब ना मिल पाना अलग हैं पर इनका मन भी ना करे ये तो असंभव हैं. क्युकी उस उम्र में दिल चाहता क्या है. कुछ नया करना. किसी बड़े के प्यार और दुलार के साए में रहना. अपनी माँ के आँचल तले संतुष्टि से सोना की चाहे दुनिया की कोई ताकत आए में महफूज़ हूँ. पर बाल श्रमिक के लिए शायद ये सब सोचना भी फ़िज़ूल हैं.

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