पिता के मरणोपरांत | Daughter and Father’s Pure Love

पिता के मरणोपरांत | Daughter and Father’s Pure Love

Daughter and Father’s Pure Love : “तो मुझे बताओ, इस दिवाली कौन कौन से पटाखे खरीदना चाहती हो शिल्पा?” अंजलि ने अपनी बेटी से पूछा।

“रॉकेट, मम्मा!” उसकी सुंदर सी बेटी, शिल्पा ने जवाब दिया।

“रॉकेट! और?” अंजलि ने पूछा।

“कुछ भी नहीं, सिर्फ एक रॉकेट माँ।” शिल्पा ने जवाब दिया।

“क्यों शिल्प?” अंजलि ने उलझन में आ कर पूछा।

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Daughter and Father's Pure Love

“क्योंकि केवल रॉकेट सितारों के नजदीक पहुंच सकता था, और मैं बस पापा को ‘हैप्पी दीवाली’ कहना चाहती थी।” शिल्पी ने अपनी माँ को बताया ।

इन शब्दों को सुनकर, अंजलि को रोना सा आ गया लेकिन किसी भी तरह, उसने खुद को संभाला और टूटने नहीं दिया और अपनी बेटी को गले लगा लिया फिर अपने अपने पति की तस्वीर की ओर देखा।

हर कोई अपने अपनों के साथ प्यार और खुशी के इस त्यौहार को मनाने के लिए खुशकिस्मत नहीं होते है इसीलिए अपने उन सभी लम्हों को सबके साथ प्यार से बिताइए जिन्हें आप चाहते हैं। जब कोई हमारे पास होता हैं तब हम उस इंसान की कद्र नहीं करते हैं, लेकिन जब कोई हमसे दूर चले जाता हैं तब हमे समझ आता हैं की उनके बिना हम अधूरे हैं, एक वो ही हैं जो हमे पूरा करते हैं बाकी जितने भी लोग हैं वो कही ना कही दिखावा करते हैं हमारे हमेशा साथ देने का. अपनी मुश्किल की घडी में उन लोगो को पहचानना सीखिए जिन्हें आप कभी भी खोना नहीं चाहते हैं और जिस घडी आपको इस प्यार का एहसास होगा की उनके बिना आप ढंग से जी भी नहीं सकते तभी यकीं मानिए वो ही एक ऐसा पल होगा जब आप उनके साथ अपने इस भगवान के दिए हुवे इस अनमोल जीवन को सही मायने में पूरी तरह से जी पाएंगे. खुश रहिये और अपने अपनों को भी खुश रखिये

ये सुनहरा मौका गंवाइये मत।

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Daughter and Father's Pure Love

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