गांधी जी नोआखाली में

गांधी जी नोआखाली में : 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश हुकूमत ने भारत को आजादी तो दे दी, परंतु हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच भारत को दो टुकड़ों में बांटकर। सांप्रदायिक उन्माद ने देश को रक्तपात की भीषण ज्वालाओं में झोंक दिया। चारों तरफ हिंदू-मुसलमानों की खूनी रंजिश निरीह जनता को काट-काटकर खूनी कीचड़ में धकेलने लगी। हजारों लोग बेघरबार हो गए। हजारों युवतियों की इज्जत तार-तार हो गई। हजारों परिवार उजड़ गए।
ऐसे में गांधी जी आजादी का जश्न मनाने दिल्ली में कैसे रुक सकते थे। वे बंगाल में नोआखाली स्थान पर जा पहुंचे। पूरी तरह निहत्थे वे उन मुसलमानों के मोहल्ले में गए, जहां सबसे अधिक रक्तपात हो रहा था।
गांधी जी को देखकर हिंदू और मुसलमान सकते में आ गए। उनके हाथों से हथियार छूटकर धरती पर जा गिरे। वहां शांति स्थापित करके ही वे सितंबर, 1947 में दिल्ली लौटे और हरिजन बस्ती में चले गए।

गांधी जी नोआखाली में

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.