गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani

 गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani

 गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani : दोस्तों गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे या ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं. यह त्यौहार इसाई धर्म के लोगो द्वारा केंवारी में सूली पर चड़ाए जाने के उपलक्ष में मनाया जाता हैं. यह त्यौहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता हैं. जो ईस्टर सन्डे के पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता हैं.

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गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani

 गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani : ईसाई धर्म अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के पुत्र थे. ईसा मसीह को ईशु के नाम से भी बुलाया जाता हैं. गुड फ्राइडे के दिन ही उन्हें सूली पर लटकाया गया था. इस दिन जीवन भर लोगो में प्रेम ओर विशवास जगाने वाले प्रभु यीशु को याद किया जाता हैं इसके साथ ही उनके उपदेशो को भी सुनाया जाता हैं. गुड फ्राइडे के दिन सभी प्रेम ओर विश्वास की डगर पर चलने का प्रण लेते हैं, कई जगह पर लोग काले कपडे पहन कर भी अपन क्रोध जाहिर करते हैं.

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गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani

क्या हैं गुड फ्राइडे? (गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani)

ईसाई धर्म ग्रंथो के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए. उस दिन शुक्रवार का दिन था. इसी की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता हैं. अपनी मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पूर्ण जीवित हो गए थे ओर इस दिन को ईस्टर सन्डे कहा जाता हैं. ईसाई लोगो के लिए गुड फ्राइडे बहुत ही महत्व रखता हैं. इस दिन ईसा ने सलीह पर चढ़ा कर अपने प्राण त्याग दिए थे वैसे वो निर्देश थे फिर भी दंड स्वरुप उन्हें सूली पर लटकाया गया. ईसा मसीह ने सजा देने वाले लोगो को भी कुछ नहीं कहा बल्कि ईश्वर से प्रार्थना की की हे ईश्वर इन्हें क्षमा करे क्यूंकि ये नहीं जानते की ये क्या कर रहे हैं.

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गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani

कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे :  (गुड फ्राइडे के पीछे की कहानी | Good Friday Ke Piche Ki Kahani)

गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के लोग गिरजाघर यानी चर्च जाकर प्रभु ईसा को याद करते हैं. श्रद्धालु यीशु द्वारा 3 घंटे तक उनकी भोगी हुई पीढ़ा को याद करते हैं और कही कही पर काले पकडे फन कर ओर प्रभु यीशु की मृत्यु पर मातम मनाते हैं ओर पद यात्रा निकालते हैं. गुड फ्राइडे प्रायश्चित और प्रार्थना का दिन हैं. इस दिन चर्च में कोई भी बेल नहीं बजाता, किसी भी तरह का कोई संगीत नहीं बजाया जाता बल्कि लकड़ी के कटकटो से आवाज़ निकाली जाती हैं.

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