ज़िन्दगी का मतलब | Life’s Meaning Story in Hindi
ज़िन्दगी का मतलब | Life’s Meaning Story in Hindi : रात में कीबोर्ड के बटनस को प्रेस करने की आवाज़े शांत रात की चुपी तोड़ रही थी. आदित्य की उंगलियाँ धडाधड चल रही थी, वो बस अपने काम में खोया हुआ था।
वेब पर सर्फ करते समय, एक विज्ञापन शीर्षक के साथ आदित्य की लैपटॉप स्क्रीन पर आता है ज्सिमे लिखा था – “ज़िन्दगी का मतलब क्या है?”
आदित्य के मन में जाने क्या आया उसने वो किताब वाली वेबसाइट खोली जिसमे वो ज़िन्दगी की किताब बिक रही थी। उसने कॉफ़ी का कप अपनी टेबल से उठाया और धीरे से अपनी डेस्क से उठ गया.
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फिर, वह अपने कमरे की खिड़की की ओर चला गया। वह तारों और चाँद को देख रहा था। अब तक कीबोर्ड के बटनो की आवाज़ भी चली गई थी। एक अजीब सी शांति उसे घेरे हुई थी। बस उसी समय उसका ध्यान एक भिखारी जैसे दिखने वाले आदमी की तरफ गया जो अपना एक बचा हुआ रोटी का टुकड़ा खाने ही वाला था लेकिन इतने में ही कही से काला कुत्ता वहां आ गया और उस भिखारी जैसे आदमी के सामने अपनी दुम हिलाने लगा।
वह कुत्ता उस पर भौंका नहीं और ना ही वो उससे डर रहा था, लेकिन उसकी आंखें अभी भी भिखारी को देख रही थीं। बेघर आदमी ने खुशी से उस कुत्ते को अपनी रोटी का आखिरी टुकड़ा दे दिया और मुस्कुराया। बाद में, कुत्ता रोटी खाने के बाद वहां से गया नहीं बल्कि उसी के पास बैठा रहा फिर दोनों वही सड़क के किनारे पर सो गए।
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आदित्य अभी भी अपने कॉफ़ी की चुस्कियां ले रहा था. जैसे ही वो भिखारी कुत्ते को देखकर मुस्कुराया वैसे ही उस मुस्कुराहाट ने आदित्य के चेहरे पर भी मुस्कान ला दी थी. वही उस अँधेरी रात के बीच, आदित्य उस दिन ज़िन्दगी का मतलब समझ गया था. आदित्य दोबारा जाकर अपनी सीट पर बैठा. वो ज़िन्दगी वाली किताब का टैब बंद किया और कुछ देर स्क्रीन को बिना पलक झपकाए देखता रहा.
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