Old Couples in Love | बुढ़ापे का प्यार
Old Couples in Love | बुढ़ापे का प्यार : प्रेरणा लंबे समय तक एक हीरे की अंगूठी पर नजर गडाए हुई थी।
उनकी पोती पूजा ने अपनी दादी को उस हीरे की अंगूठी को देखते हुवे देख लिया था और वो समझ गयी थी की दादी का दिल उस अंगूठी पर आ गया हैं.
इसी वजह से पूजा ने सेठ को वो अंगूठी शीशे से निकाल कर दिखाने के लिए कहा, सेठ ने वैसा ही किया और अंगूठी शीशे से निकाल कर पूजा के हाथो में रख दी.
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जैसे ही पूजा ने वो अंगूठी अपने हाथ में ली उसने दादी से सवाल किया क्या ये बहुत सुंदर नहीं हैं?
जैसे ही दादी कुछ कहने वाली थी तभी पीछे से दादू आ गए और उन्होंने प्रेरणा के कुछ बोलने से पहले ही कहा की नहीं मुझे ये बिलकुल अच्छी नहीं लग रही हैं, कुछ ख़ास नहीं दिख रही, मामूली सी दूसरी अंगूठियो की तरह ही तो हैं.
ये सब सुनकर प्रेरणा की आगे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई और ना ही उसने कुछ कहा
उसके बाद शाम को जब सब लोग घर वापस आ गए तो दादी ने दादू से पूछा क्या तुमने मेरा चश्मा देखा हैं
उसके बूढ़े पति ने कहा हाँ, बेड के बगल के टेबल में देखो शायद वहां होगा.
Old Couples in Love | बुढ़ापे का प्यार : प्रेरणा अपनी कमज़ोर नजरो के साथ टेबल के सामने गयी और उसने वह टेबल में एक छोटे से सुंदर लाल डब्बे में उसी अंगूठी को पाया जिसे उसने उस सेठ की दूकान में देखा था
उन्होंने वो अंगूठी अपने हाथ में पहनी और अपने पति के पास आई और बोली “लेकिन तुम्हे तो ये अंगूठी बिलकुल भी पसंद नहीं आई थी ना”
हाँ पसंद नहीं आई. लेकिन तुम्हारे हाथो की उंगलियों में आकर ये बहुत ही खूबसूरत दिख रही हैं.
प्रेरणा ने उन झुरियो से भरे चेहरे पर सुंदर सी मुस्कराहट दी
Old Couples in Love | बुढ़ापे का प्यार : प्रेम की कोई सीमा होती, कोई शक्ल नहीं होती, कोई आकार नहीं होता उसे जैसे ढालो वो ढल जाता हैं, उसे जैसे पालो वो पल जाता हैं, जीवन में प्यार होना बहुत जरुरी हैं लेकिन अगर प्यार में जीवन हैं तो उसकी बात ही अलग हैं.
अगर ये प्यारी सी कहानी पसंद आई हो तो कमेंट सेक्शन में जरुर बताइयेगा. 🙂
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