Praval Pishti: प्रवाल, सामान्यतः मूंगा के नाम से जाना जाता है. प्रवाल पिष्ठी का निर्माण इसी प्रवाल के द्वारा होता है. प्रवाल, समुद्र में पाई जाने वाली एक चट्टान होती है, जिसका निर्माण बहुत ही छोटे-छोटे जीवों के द्वारा किया जाता है. इस चट्टान का मुख्यतः कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती है. प्रवाल पिष्ठी अपने औषधीय गुणों के कारण हमेशा ही आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रमुख रूप से उपयोग की जाती रही है. प्रवाल पिष्ठी न केवल शरीर को शक्ति प्रदान करता है, बल्कि इसके साथ ही यह शरीर मे पनप रहे कई रोगों, और बीमारियों को दूर करने की क्षमता भी रखता है.
Praval Pishti: प्रवाल पिष्ठी, कैल्शियम युक्त चट्टानों से बनती है. पर इन कैल्शियम की चट्टानों से बनाया गया पाउडर खाने योग्य नही होता है. इनमे तरह-तरह की विशुद्धियाँ समाई रहती है. इसलिए इन विशुद्धियों को दूर करने के लिए और इसे खाने योग्य बनाने के लिए के पहले इसे शुद्ध किया जाता है. इसके लिए इसमे गुलाबजल मिलाकर इसे संधारित करते है. इसके बाद इसी गुलाब जल मिले कैल्शिम के चूर्ण को बहुत ही महीन चूर्ण में खरल करते है. यदि गुलाब जलयुक्त कैल्शियम बक पॉउडर ही प्रवाल पिष्ठी के नाम से जाना जाता है.
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Praval Pishti: कहते है कि जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन जहर के समान फल देता है. प्रवाल पिष्ठी के सेवन में बजी यही बात लागू होती है. यह एक फायदेमंद औषधि है, लेकिन यदि इसके मात्रा का ध्यान नही रखा गया, तो यह नुकसान भी कर सकती है.
प्रवाल पिष्ठी का सेवन दिन में 2 या 3 बार किया जा सकता है. लेकिन इसकी मात्रा कभी भी 2 ग्राम से ज्यादा नही होना चाहिए. एक सामान्य व्यक्ति 500 मिग्रा से 1 ग्राम तक इसका सेवन कर सकता है. इसका सेवन हल्के गर्म दूध के साथ करना फायदेमंद होता है.
इसके अलावा कभी भी दवाई को नाली या बहते हुए जल या खुले वातावरण में न फेके. यह पर्यावरण के साथ ही जानवरो के लिए भी नुकसान दायक साबित हो सकता है.
Praval Pishti: प्रवाल पिष्ठी को खरीदते समय विक्रेता से इसके सेवन संबंधी परामर्श जरूर ले. जितनी मात्रा सेवन के लिए बोली जाएं, उतनी मात्रा का ही सेवन करे. यदि कभी उस मात्रा से ज्यादा का सेवन कर लिया तो, जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में जा कर खुद को दिखाएं. इसका अधिक मात्रा में किया गया सेवन प्रतिकूल प्रभाव दिखा सकता है.
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इस बात में कोई संदेह नही है कि प्रवाल पिष्ठी एक बहुत ही कारगर औषधि है. लेकिन इसका भरपूर फायदा तभी उठाया जा सकता है, जब इसका सेवन सावधानी पूर्वक किया जाएं.
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