Rishtedaro Ko Kaise Jwaab Do | रिश्तेदारों को कैसे जवाब दो चालाकी से

Ristedaro Ko Kaise Jwaab Do | रिश्तेदारों को कैसे जवाब दो चालाकी से

Ristedaro Ko Kaise Jwaab Do | रिश्तेदारों को कैसे जवाब दो चालाकी से : गर्मी के दिन थे। राहुल की चाची सुषमा इंदौर से दिल्ली उनके घर थोड़े समय के लिए घुमने गयी थी। सोमवार की सुबह, राहुल के माता-पिता सुषमा के साथ हॉल की जगह में बैठे थे। सुषमा अपने बेटे रोहित के बारे में बहुत तारीफे कर रही थीं। राहुल के माता-पिता सकारात्मक रूप से सुषमा की हर बात को सुन रहे थे.

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Rishtedaro Ko Kaise Jwaab Do | रिश्तेदारों को कैसे जवाब दो चालाकी से

इस बीच, राहुल अपने कमरे से बाहर आया। उसे पहले से ही अपने ऑफिस के लिए देर हो रही थी। हर भारतीय माँ की तरह, राहुल की माँ ने भी उसे नाश्ते करने के लिए कहा और जब उसने मना कर दिया तो उसे बार बार बोल कर मजबूर कर दिया। लेकिन राहुल ने यह कहते हुए अनदेखा कर दिया कि उसके पास पहले से ही एक सेब खा लिया हैं और उसे किसी भी तरह से टाइम से ऑफिस पहुंचना हैं.

Ristedaro Ko Kaise Jwaab Do | रिश्तेदारों को कैसे जवाब दो चालाकी से : इस बीच, उसकी चाची ने उसे ताना मारकर पूछा, “क्या तुम अपना दिन शुरू करने से पहले किसी मंदिर में नहीं जाते? आपको ऐसा करना चाहिए राहुल बेटे। मेरा बेटा रोहित तो कभी भी मंदिर से अपने दिन की शुरुवात करना नहीं भूलता। ”

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Rishtedaro Ko Kaise Jwaab Do | रिश्तेदारों को कैसे जवाब दो चालाकी से

राहुल अपनी चाची को देख कर मुस्कुराया। वह अपने माता-पिता के पास गया और उनके पैरों को छुआ। फिर वह अपनी चाची की ओर एक मुस्कान के साथ आगे बढ़ा और उसने जवाब दिया, “जैसा कि आप देख सकती हैं, मैं रोज़ाना मंदिर जाता हूं।”

राहुल के माता पिता ने उस पर गर्व महसूस किया। आखिरकार, राहुल ने उनके पांवो के साथ साथ उनके दिल और भावनाओं को भी छू लिया था। उसकी चाची ने उसके माथे पर चूमा और कहा, “भगवान, तुझे आशीर्वाद दे, मेरे बच्चे।”

राहुल अपनी चाची की ओर झुका और पैरों को भी छुआ और सभी को बाय कह कर वहां से चला गया।

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