Sabse Gyani Vyakti सबसे ज्ञानी व्यक्ति

Sabse Gyani Vyakti | सबसे ज्ञानी व्यक्ति

Sabse Gyani Vyakti | Akbar Birbal Stories in Hindi

एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल को शाही दरबार में सबसे ज्ञानी व्यक्ति लाने के लिए कहा। इस पर बीरबल ने कहा “जैसी आपकी आज्ञा, महाराज! परंतु इस कार्य के लिए मुझे सात दिन का समय तथा पाँच सौ स्वर्ण मुद्राएँ चाहिएँ।” बादशाह अकबर इस बात के लिए सहमत हो गए। बीरबल ने स्वर्ण-मुद्राएँ ले लीं और उन्हें गरीबों तथा जरूरतमंदों में बाँट दिया। इसके बाद वह आराम से घर में ही रहा और आराम करता रहा। इसके पश्चात् वह एक चरवाहे की झोंपड़ी में गया।

Sabse Gyani Vyakti | Akbar Birbal Stories in Hindi

उसने गडरिए के बेटे को लिया, उसे नहलाया धुलाया और साफ-सुथरे कपड़े पहनाकर शाही दरबार में ले गया। मार्ग में उसने लड़के को सब कुछ समझा दिया कि क्या करना है, शाही दरबार में पहुँचने पर बीरबल ने कहा “महाराज, मुझे सबसे ज्ञानी व्यक्ति यही मिला है।” बादशाह अकबर ने लड़के के ज्ञान की परीक्षा लेने का विचार करके पूछा— “तुम कहाँ रहते हो? तुम्हारे पिता तुम्हें क्या कहकर बुलाते हैं और तुम्हारे अंदर क्या खास बात है?” कई मिनट का समय बीत जाने के पश्चात् भी लड़क ने कुछ जवाब नहीं दिया।

Sabse Gyani Vyakti | Akbar Birbal Stories in Hindi

बादशाह ने दोबारा पूछा “लड़के, क्या तुम गूँगे-बहरे हो? तुम मुझे जवाब क्यों नहीं देते?” इस पर बीरबल ने कहा “महाराज, यह ज्ञानी व्यक्ति है और यह अपनी बुद्धिमत्ता ही दिखा रहा है। इसने अपने से बड़ों से सीखा है कि बादशाह और अपने से अधिक बुद्धिमान व्यक्ति के सामने बोलना नहीं चाहिए। वह यह जानता है कि शांत रहना सबसे अच्छा होता है। वह केवल अपनी शिक्षा का ही पालन कर रहा है।” बादशाह अकबर इससे काफी प्रभावित हुए और गड़रिये के लड़के को उन्होंने अनेक उपहार देकर वापस उसके घर भेज दिया।

और कहानियों के लिए देखें : Akbar Birbal Stories in Hindi

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