Short Story with Picture | सुंदर चित्रों सहित कहानियाँ

Short Story with Picture

Short Story with Picture : एक बार एक चोर अपना शिकार ढूंढ़ने के लिए एक बड़े शहर में घुसा। जब वह बाजार में पहुंचा, तब उसने एक व्यापारियों के झुंड को देखा। उनके पास कीमती रेशम की बहुत-सी गांटें थीं। उसने खुशी से अपने हाथ मले। ‘ये बहुत अमीर व्यापारी लगते हैं। जब ये अपना सब माल बेच लेंगे, तब इनके पास बहुतसा धन आ जाएगा। यदि मैं चतुराई से काम लेकर इनका विश्वास जीत लू, तब मैं सारा धन चुरा सकता हूं।’

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यह सोचकर चोर उन व्यापारियों के पास पहुंचा और नम्रतापूर्वक कहने लगा-‘श्रीमान! मैं एक गरीब आदमी काम की तलाश में हूं। यदि आप मुझे अपना नौकर रख लें, तब मैं आपका सारा काम अच्छे ढंग से करूंगा। मैं बहुत वफादार रहूंगा।’ व्यापारियों ने उसी समय उसको नौकर रख लिया। दिन गुजरते गए और चोर ने व्यापारियों का विश्वास जीत लिया। वह दोस्त बनकर सारा काम निष्ठापूर्वक करता था। वह कभी भी बड़बड़ाता नहीं था और न ही कोई शिकायत करता था।

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Short Story with Picture : व्यापारी उससे बहुत खुश थे। उधर चोर हर समय उनके काम पर नजर रखता था। कब वे अपना सारा माल बेचें और वह पूरा धन चुराकर भाग जाए। वह उचित मौके की तलाश में था। जब व्यापारियों ने अपना सारा माल बेच लिया, तब वे घर वापस जाने को तैयार हो गए। उनके पास बहुत-सा धन था। इतना सारा धन लेकर जंगल से गुजरना खतरे से खाली न था, इसलिए उन्होंने सारे धन से कीमती जवाहरात खरीद लिए।

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‘हम ये कीमती जवाहरात किस प्रकार सुरक्षित ले जाएंगे’। एक व्यापारी ने दूसरे से पूछा-‘हम कितना भी इन्हें छुपाने की कोशिश करें, पर जंगल के चोरडाकू इन्हें ढूंढ़ ही लेंगे’ – दूसरा व्यापारी धीरे से बोला। तभी उनमें से एक ने सुझाव दिया-‘‘यदि हम सारे जवाहरात निगल जाएं, तो चोरों को हमारे शरीर पर कुछ नहीं मिलेगा।” सभी को ये विचार पसंद आया और उन्होंने सारे जवाहरात निगल लिए।

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Short Story with Picture : उनके साथ रह रहे चौर ने सारी बात सुन ली। उसे यह सोचकर दुख हुआ कि सारी दौलत उसके सामने हाथ से निकली जा रही है।वह शीघ्रता से व्यापारियों के पास गया और आँखों में आंसू भरकर बोला – ‘श्रीमान! आप मुझे अकेला छोड़कर क्यों जा रहे हैं? क्या मैंने आपकी जी-जान से सेवा नहीं की। कृपा करके मुझे भी साथ ले चलें, अन्यथा मैं यहां भूखा मर जाऊंगा।’ व्यापारी उसकी बातें सुनकर पिघल गए और उसको भी अपने साथ ले चलने को राजी हो गए। चोर बहुत खुश हुआ। उसने जंगल के बीच जाकर सबको जहर देकर मारने की योजना बनाई ताकि वह सारे जवाहरात लेकर भाग सके।

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Short Story with Picture : सब लोग चल पड़े। ज्यों ही वे जंगल के पास पहुंचे, तो जिन कौओं ने व्यापारियों को जवाहरात निगलते देखा था, उन्होंने अपने साथी कौओं और दूसरे पक्षियों को भी कांव-कांव करके यह सब बता दिया। पक्षियों ने ये सूचना जंगल के अन्य जानवरों को भी दे दी। शीघ्र ही यह खबर सारे जंगल में फैल गई। जंगल में कुछ जानवरों को मारकर खाने वाले आए हुए थे, उन्होंने जब ये सुना तो बहुत खुश हुए। एक ने दूसरे से कहा- ‘तुमने कुछ सुना! व्यापारियों का दल जंगल से गुजर रहा है। उनके पेट में कीमती जवाहरात हैं। हमें सिर्फ उन्हें मारकर उनके पेट में से सारे रत्न निकालने हैं और हम अमीर हो जाएंगे।’

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Short Story with Picture : ज्यों ही व्यापारी जंगल से निकले, तो जानवरों को मारकर खाने वाले उनके ऊपर टूट पड़े। उन्होंने व्यापारियों को बांध दिया और उनका सामान ढूंढ़ने लगे। जब उन्हें उनके थैले और शरीर पर कोई धन न मिला, तो उन्होंने सोचा – कौओं ने ठीक ही कहा है। इन्होंने सारा धन निगल लिया है, अब हमें इनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करके सारा धन निकालना पड़ेगा। व्यापारी यह सब सुनकर डर के मारे कांपने लगे। चोर ने सोचा मेरे पेट में तो कोई रत्न है नहीं और ये मांस खाने वाले मुझे भी जिंदा नहीं छोड़ेंगे। शायद मेरे मरने से इन व्यापारियों की जान बच जाए, जिन्होंने मुझ पर कृपा कर दया दिखाई थी।

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उसने मारने वालों से कहा-‘पहले मुझे मार डालो। मैं अपने भाइयों को मरते हुए नहीं देख सकता।’ मारने वालों ने उसे तुरंत मार डाला, परंतु उसके पेट में कुछ नहीं मिला। तब एक व्यापारी चिल्लाया-‘देखा, हमारे पेट में भी कुछ नहीं है। कौओं ने तुमसे झूठ बोला है।’ मारने वालों ने व्यापारियों को छोड़ दिया। वे सब जल्दी से अपने-अपने घरों की ओर भागे। उन्हें पता नहीं था कि एक उदार और नेक दिल चोर ने उन्हें बचा लिया है। कभी-कभी नेकदिल शत्रु बेवकूफ दोस्त से ज्यादा काम आता है।

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